अंर्तजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की राशि प्राप्त करने के लिए कूट रचना कर जन्मतिथि में काट छांट पर वैधानिक कार्रवाई शुरू विवाह प्रमाणपत्र निरस्त
सागर /अंर्तजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत आवेदक दंपत्ति श्री सुखनंदन पिता स्व श्री पुरूषोत्तम अहिरवार, मॉ सूरजबाई निवासी गुरूद्वारा के सामने डॉ कमलेश ठाकुर की गली मे भगवानगंज वार्ड अनुसूचित जाति द्वारा विवाह राधा पिता श्री खुमान पटैल माँ भगवती बाई निवासी तिरूपतिपुरम तिली वार्ड जाति अन्य पिछड़ावर्ग से 20 जनवरी 2022 को ज्वाला माता मंदिर पंडापुरा बाघराज से विवाह किया गया।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सागर द्वारा प्रकरण परीक्षण में जाति, निवास, अंकसूची समग्र आईडी, हिन्दु विवाह अधिनियम 1955 का अपर कलेक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र एवं नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र का मूल अभिलेख से मिलान किया गया। मिलान करने पर राधा पटैल का नगर निगम से जारी प्रमाण पत्र मे जन्मतिथी 5 अगस्त 2001 अंकित है, संलग्न अंकसूची में काट-छाट कर सफेद स्याही लगाकर 5 अगस्त 2001 लिखा गया है, जबकि लडकी की उम्र कम लगने संबंधित की अध्ययनरत संस्था शास माध्यमिक शाला तिली से जानकारी प्राप्त करने पर जन्म तिथी दाखिल खारिज पंजी से जन्मतिथी 5 अगस्त 2004 दर्ज है। इस प्रकार संबंधित द्वारा सही जानकारी नही दी गई।
राधा की जन्मतिथी 5 अगस्त 2001 विवाह तिथी 20 जनवरी 2022 के अनुसार कुल उम्र 20 वर्ष 05 माह 15 दिन होती है एवं जन्मतिथि 5 अगस्त 2004 के अनुसार उम्र 17 वर्ष पाँच महीने 15 दिन होती है।
हिन्दु मैरिज एक्ट 1955 के अनुसार शादी करने के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष और लडकी की उम्र 18 वर्ष होना चाहिए। इस तथ्य के आधार पर न्यायालय अपर कलेक्टर द्वारा संबंधित का विवाह प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। इस प्रकार राधा पटैल द्वारा अपनी वास्तविक उम्र को छिपाते हुए प्रमाण पत्रों मे कूट रचना करके गलत प्रमाण पत्र प्राप्त कर अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने का अपराध किया है। संबंधित दंपत्ति के साथ साथ परिवार द्वारा भी वास्तविक तथ्य को छिपाया है एवं लडकी का कम उम्र मे विवाह किया है। संबंधितो के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रचलन में है।