भोपालसागर

अभिभावक और बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाने के लिए विचार समिति ने किया कार्यशाला का आयोजन, बताए टिप्स अभिभावक और बच्चों में दूरी बढ़ा रहा है स्मार्टफोन : कपिल मलैया

सागर। विचार समिति ने तिलकगंज स्थित विचार परिसर में “अभिभावक एवं बच्चे बनायें मोबाइल से दूरी” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में अध्यक्ष कपिल मलैया ने बताया कि मोबाइल का उपयोग उतना ही करो जितना जरूरी है, सुबह और सोते समय तो मोबाइल का इस्तेमाल बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए। स्क्रीन पर देखते-देखते नजदीक की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं लेकिन दूर की दृष्टि धुंधली होने लगती है और यही वजह है कि चश्मा लगने की नौबत आ जाती है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों की ये शिकायत होती है कि उनका बच्चा दिनभर मोबाइल से चिपका रहता है। हालांकि, इसकी वजह खुद अभिभाभक भी हैं, क्योंकि जब बच्चा छोटा होता है तो उसे मोबाइल दिखाकर खाना खिलाते हैं एवं बच्चों को समय देने के बजाए मोबाइल पर ही अधिकांश समय खुद ही व्यतीत करते हैं। घर में बड़े को देखकर बच्चों को भी मोबाइल की लत लग जाती है। इससे घर का माहौल तो खराब होता ही है, साथ ही बच्चे भी चोरी-छिपे मोबाइल देखने लगते हैं। जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित होता है। इसके बाद मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए अभिभावकों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है। अभिभावक और बच्चों में स्मार्टफोन दूरी भी बढ़ा रहा है। कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से बच्चे एवं स्वयं को फोन की लत से दूर रख सकते हैं।

समय सीमा तय करें – सबसे पहले मोबाइल के इस्तेमाल को कम करना शुरू करें। इससे न सिर्फ मोबाइल से ब्रेक मिलेगा बल्कि आप अपने दूसरे कामों मं् भी मन लगा पाएंगे। बच्चों की फोन की आदत छुड़ाने में ये तरीका बेहद कारगर माना जाता है।

लक्ष्य तय करें – मोबाइल को उपयोग करते समय यह तय करना चाहिए कि आप किस उदेश्य से मोबाइल का उपयोग कर रहे है। मनोरंजन, ज्ञान, व्यवसाय आदि किस क्षेत्र का उपयोग करना चाहते है, वह चुने।

अन्य कार्यों को प्राथमिकता दें –  मोबाइल का उपयोग करने की जगह अन्य कार्यों को प्राथमिकता दे जैसे किताब पढ़ना, फिजिकल एक्टिविटी, प्रकृति के साथ समय बिताना, ध्यान और अपनों के साथ समय बिताना।

नोटिफिकेशन बंद करें – नोटिफिकेशन की फैसिलिटी को हटा दें और सोशल मीडिया से दूरी बनाएं।

जरूरत पड़ने पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करें – हम लोग जब भी फ्री होते हैं तो मोबाइल से रील्स या फेसबुक देखने लगते हैं। आपको फोन का इस्तेमाल सिर्फ तभी करना चाहिए जब आपको जरूरत हो।

सोते समय फोन दूर रखने की आदत बनाएं – अगर आप देर रात तक फोन चलाते हैं, तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल दें। इससे आपकी आंखों के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। इससे नींद प्रभावित होती है और तनाव महसूस हो सकता है। ऐसे में सोते समय फोन को दूर रखने की कोशिश करें।

कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने सभी अभिभावक और बच्चों का आभार माना।
मार्गदर्शक श्रेयांश जैन, सरिता गुरू, प्रभा साहू, अनीता चौधरी, पूनम मेवाती, कुसुम केशरवानी, ऊषा केशरवानी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में प्रीति मलैया, प्रशांत जैन, पूनम पटैल, अंजली पटैल, संगीता प्रजापति, श्रद्धा कुशवाहा, दीप्ति कुशवाहा, स्वाती साहू, सुषमा साहू, अंबिका साहू, मंजू शर्मा, संध्या लम्बा, मयंक दुबे, सामर्थ, शशांक, आविरल, अंश पचौरी आदि उपस्थित थे।

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