भोपालसागर

कार से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड

सागर । कार से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी सुनील जाट को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(इ)(पप)(ब) के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि  दिनॉक 08.09.2020 को थाना महाराजपुर प्रभारी को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि एक सफेद रंग की कार क्रमांक- एच आर 39 डी 0663 में मादक पदार्थ रखा हुआ है जो नरसिंहपुर से सागर की ओर जा रही है । मुखबिर की सूचना के बताये स्थान तीतरपानी टोल प्लाजा पहुॅचकर चैकिंग लगाई गई, चैकिंग के दौरान एक होण्डा अमेज कार सफेद रंग की जिसका नंबर एच आर 39 डी 0663 नरसिंहपुर तरफ से आती दिखाई दी जिसे रोककर वाहन में सवार व्यक्ति से नाम पूछने पर उसने अपना नाम सुनील पिता राजकुमार निवासी- पेटवाड़ पतवार जिला-हिसार हरियाणा का होना बताया और वाहन स्वयं का होना बताया। विधिक कार्यवाही उपरांत कार की तलाषी लेने पर उसके पीछे वाली सीट के नीचे बने बॉक्स में खाकी रंग की टेप में पैक कुल 17 पैकेट लिपटे हुये रखे पाये गये जिनमें गांजा जैसा पदार्थ पाया गया उक्त मादक पदार्थ की पहचान रगड़कर , सूॅघकर एवं जलाकर मौके पर की गई। मादक पदार्थ को इलेक्ट्रॉनिक तराजू से तौल करने पर गांजे का कुल वजन 34 किलोग्राम पाया गया उक्त समस्त कार्यवाहियों के पंचनामा स्वतंत्र साक्षियों के समक्ष तैयार किये गये । आरोपी का कृत्य धारा- 8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत पाये जाने से उसे गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-महाराजपुर में धारा-8 सहपठित धारा-20(इ)(पप)(ब) एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया।विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985)जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button