सागर/ म.प्र. शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत छात्रावासों में विगत 25 से 30 वर्षों से सफाई का कार्य कर रहे कर्मचारी जिनका मासिक वेतन 2500/- रूपया है। जो वर्ष में 10 माह दिया जाता है एवं मई-जून का वेतन नहीं दिया जाता है। इतने कम वेतन में एवं मंहगाई के दौर में इन कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाता जिसके कारण पूरे परिवार को भूखे मरने की समस्या से जूझना पड़ता है कई बार संगठन द्वारा इन कर्मचारियों की समस्या के संबंध में मांग की गई परन्तु शासन द्वारा इन अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों की मांगांे पर ध्यान नहीं दिया गया। देश को आजाद हुए लगभग 75 वर्ष होने के बाद भी इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय है। माननीय प्रधानमंत्री महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी आपके द्वारा सफाई स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। परन्तु देश को स्वच्छ रखने वाले सफाई कर्मचारियों पर कभी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे इन कर्मचारियों के प्रति संगठन को असंतोष व्याप्त है। ज्ञापन में मांग की गई कि आदिम जाति कल्याण विभाग व शिक्षा विभाग के छात्रावासों में अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को पूर्णकालीन कलेक्टर दर का वेतन दिया जावे। एवं दस वर्ष पूर्ण कर चुके सफाई कर्मियों को अन्य पद जैसे रसोईया, वाटरमेन, चौकीदार के पद पर नियमित किया जावे एवं साप्ताहिक अवकाश दिया जावे। 12 माह का वेतन दिया जावे एवं सामूहिक जीवन बीमा का लाभ दिया जाए। ज्ञापन सौपने वालों में गजेन्द्र बोहत जिलाध्यक्ष अजाक्स, समीष अहिरवार, एम.एल. चौधरी, अनिल सोनकर, सुरेश रैदास, प्रदीप अहिरवार, विजय चौधरी, यकरन घारू, मोहित मैना, लक्ष्मीनारायण करोसिया, विशाल बाल्मीकि, विजय कछवाहा, मनीष बाल्मीकि, नरेश बाल्मीकि, श्रीमति कृष्णाबाई, श्रीमति नीता पथरोल, अमित जैसीनगर, राजू देवरी, मुकेश बोहत, सचिन करोसिया, कपिल, लखन बाबूपुरा, श्रीमति विजयारानी गौरझामर, मुकेश आवासीय, नितिन बण्डा, नवीन रहली, नरेन्द्र, श्रीमति जमुनाबाई बडतूमा, श्रीमति द्रोपति, प्रकाश, धमेन्द्र, श्रीमति कमलाबाई एवं अनेक अजाक्स के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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