सागर । नाबालिग का पीछा करने वाले एवं सहयोग करने वाले आरोपीगण संजू उर्फ सोनू यादव एवं विनीता यादव को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये आरोपी संजू उर्फ सोनू यादव को धारा 354-डी में एक वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(v-a) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा. अधि.) के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं आरोपी विनीता यादव को पाॅक्सो एक्ट की धारा- 17 के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास व पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 03.07.2021 को थाना राहतगढ़ जिला सागर में एक लिखित आवेदन इस आषय का पेष किया कि अभियुक्त संजू यादव उसके घर आता जाता है। उक्त दिनांक से करीब 15-20 दिन पहले से जब भी वह सुबह लेट्रिन करने व उसकी छोटी बहन एवं भाभी के साथ पानी भरने हेण्ड पंप पर जाती थी तो अभियुक्त संजू बुरी नियत से उसका पीछा करता और बात करने के लिये कहता था, मना करने पर उसे व उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देने से उसने डर के कारण घर पर किसी को कुछ नहीं बताया। एक हफ्ते पहले उसकी छोटी बहन ने घर पर उसके माता पिता और भैया भाभी को बताया था कि अभियुक्त संजू बुरी नियत से उसका पीछा करता है। दिनांक 02.07.21 को सुबह करीब 8ः00 बजे संजू यादव दारू पीकर उसके घर के बाहर खड़े होकर मां बहन की एवं जातीसूचक गंदी गंदी गालियां दे रहा था, उक्त अभियुक्त ने उसका जातिगत अपमान किया। उक्त आवेदन के आधार पर अभियुक्त संजू यादव के विरूद्ध अपराध क्रमांक 390/21 अंतर्गत धारा 354 घ, 294, 506 भादस एवं धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(v-a), 3(1)(w)(ii) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा. अधि. 1989) एवं धारा 11(4)/12 pocso act 2012 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध किया जाकर प्रकरण विवेचना में लिया गया, पीड़िता व अन्य साक्षीगण के कथनों में अभियोक्त्री विनीता यादव द्वारा घटना घटित करने हेतु दुष्प्रेरित किया जाना एवं बालिका को धमकी दिये जाने के आधार पर प्रकरण में अभियुक्त विनीता यादव के विरूद्ध धारा 109 भादस एवं धारा 16/17 पाॅक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।