सागर
नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी कपूरचंद कोरी थाना-मोतीनगर को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा-377 भा.द.वि. के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 5(एम) सहपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एव तीन हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़ित की मॉ ने थाना केंट में रिपोर्ट लेख कराई कि अभियुक्त कपूरचंद कोरी ने उसके नाबालिग लड़के के साथ गंदा काम किया है । दिनांक-13.05.2020 को उसके लड़के ने उसे रोते हुये बताया कि पॉच-छह दिन पहले अभियुक्त कपूरचंद कोरी ने अपने कमरे में बुलाकर उसके साथ गलत हरकत की थी । उसने लड़के से पूछा कि पहले क्यों नहीं बताया तो वह कहने लगा कि उसे डर लग रहा था ।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अपराध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा-377 व पॉक्सो एक्ट-2012 की धारा-5(एम) सहपठित धारा-6 के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित कियाहै।