सागर/घरों. प्रतिष्ठानों और रहवासी कॉलोनियों से निकलने वाले गीले कचरे का उत्सर्जन कम करने के लिए अगर घरोंए कालोनियों और प्रतिष्ठानों में ही गीले कचरे से खाद बनाई जाएं तो गीले कचरे का उत्सर्जन काफी कम हो सकता है । गीले कचरे से बनने वाली कंपोस्ट खाद से घर .प्रतिष्ठानों में लगे पौधों के लिए खाद की आपूर्ति भी आसानी से हो सकती है इसलिए इसके प्रति प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक की आवश्यकता है, जिसके लिये हम सबको मिलकर प्रयास करना होंगे ताकि नगर को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में अच्छे अंक दिलाने में भी मददगार होगा।
गीले कचरे से तात्पर्य उन प्रतिष्ठानों .मैरिज गार्डन और रहवासी कालोनियों के घरों से निकलने वाले सब्जी फल के छिलके कचरे से खाद बनाने के लिए नाडेप-पिट द्वारा कंम्पोस्ट खाद बनाई जाए तो उस कचरे का स्थल पर ही प्रसंस्करण हो जाएगा और पेड़ पौधों के लिए खाद भी आसानी से प्राप्त होगी।
घरों में मटका खाद बनाकर भी कचरे को कम कर सकते उत्सर्जन. घरों से निकलने वाले गीले कचरे से मटका खाद बनाकर भी कचरे का काफी हद तक उत्सर्जन कम कर सकते हैं जिसको बनाने की विधि भी बेहद सरल है और इसमें कोई अलग से सामग्री भी क्रय नहीं करना पड़ती बल्कि घर में ही उपलब्ध पुराने मिट्टी के मटकों का उपयोग कर कंम्पोस्ट खाद बना सकते हैं।
महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी ने सभी नगर वासियों से अनुरोध किया है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सागर नगर को अच्छी रैंक दिलाने में सहयोग करें और घरों प्रतिष्ठानों से निकलने वाले गीले कचरे से मटका खाद बनाएं तथा सूखे कचरे को सड़क पर न डालें बल्कि उसे कचरा गाड़ी को दें और नगर को स्वच्छ बनाने में अपनी सहभागिता निभायें।