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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर जिले के बड़तूमा और ढाना आएंगे

ढ़ाई हजार करोड़ की लागत से बने   कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का लोकार्पण भी

सागर, /       प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 12 अगस्त को सागर जिले में आगमन हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास जी के भव्य मंदिर-विशाल स्मारक का भूमि-पूजन करेंगे। भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद श्री मोदी ढाना के एयर स्ट्रिप में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।  श्री मोदी एनएचएआई की भारत माला परियोजना के अंतर्गत दो परियोजनाओं की 1582.28 करोड़ की सड़को का शिलान्यास करेंगे। वे ढ़ाई हजार करोड़ की लागत से बने  कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

प्रधानमंत्री के दौरा कार्यक्रम के अनुसार वे नई दिल्ली एयरपोर्ट से पूर्वान्ह 11.50 बजे वायु सेना के विमान से खजुराहो के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर एक बजे खजुराहो एयर पोर्ट पर उनका आगमन होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी खजुराहो एयरपोर्ट से दोपहर 1.05 बजे हैलीकाप्टर से प्रस्थान कर 2.05 बजे बड़तूमा हैलीपेड पर आयेंगे। श्री मोदी बड़तूमा हैलीपेड से कार द्वारा कार्यक्रम स्थल पहुंचेगे। प्रधानमंत्री दोपहर 2.15 बजे से 2.30 बजे तक संत शिरोमणि रविदास जी के मंदिर एवं स्मारक का भूमिपूजन करेंंगे। इसके पश्चात दोपहर 2.35 बजे वे बड़तूमा हैलीपेड आएंगे तथा वे 2.45 बजे हैलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर 3.05 बजे ढाना एयर स्ट्रिप पहुंचेगे। श्री मोदी दोपहर 3.15 बजे ढाना सभा स्थल पहुंचेगे। कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सायं 4.15 बजे ढाना एयर स्ट्रिप से हैलीकाप्टर द्वारा खजुराहो के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां से वे वायुयान द्वारा नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को ग्राम ढाना स्थित जनसभा में जनसभा भारतमाला परियोजना तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की दो परियोजनाओं के अंतर्गत 1582.28 करोड़ रू. की लागत से बनने वाली सड़कों का शिलान्यास करेंगें। दो परियोजनाओं के अंतर्गत इन सड़को की लंबाई लगभग 96 कि.मी. होगी।
प्रथम परियोजना – इसकी सड़क टू-लेन होगी। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से होकर गुजर रही है और राज्य की राजधानी भोपाल को जिला अशोक नगर एवं चंदेरी (चंदेरी अपनी रेशम की साड़ियों, ऐतिहासिक किलो / पहाड़ियों एवं भू-दृश्यों के लिये विश्व प्रसिद्ध है। के साथ झांसी को जोड़ेगा। यह परियोजना अशोक स्तम्भ, और बौद्ध स्तूपों तक पहुंच को आसान बनायेगी। जो कि सांची, जिला रायसेन में स्थित है जिससे कि क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
यह परियोजना तीर्थयात्रियों को प्रसिद्ध “ नीलकंठेश्वर मंदिर “ तक पहुँच आसान करती है, जिसे कि 11 वीं शताब्दी में परमार राजा उदयादित्य ने ग्राम उदयपुर जिला विदिशा में बनाया था। यह परियोजना जिला विदिशा में स्थित 5 वीं शताब्दी में निर्मित उदयगिरी के रॉक कट गुफाओं के मंदिरों तक पहुंच को आसान बनाती है, जिससे कि क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
विदिशा जिला बेहतर गुणवत्ता के गेहूं उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात यातायात और माल परिवहन की गति को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे कि गेहूं की फसल को सुदूर क्षेत्रों में निर्यात एवं परिवहन करना आसान होगा। यह परियोजना भोपाल से अशोक नगर के बीच यात्रा के समय को कम से कम एक घंटे तक कम कर देगी। परियोजना को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता किये बिना तैयार किया गया है। यह परियोजना जिला विदिशा जिले के अंतर्गत आने वाली तहसील विदिशा (अतिरिक्त), गंजबसोदा, कुरवई, एवं नटेरन से होकर गुजरती है.

द्वितीय परियोजना – इसकी सडक फोर लेन होगी। यह परियोजना भोपाल- कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का भाग है। परियोजना मध्यप्रदेश के रायसेन और विदिशा जिले से होकर गुजर रही है। राज्य की राजधानी भोपाल को रा. रा. क्रमांक – 146 पर सागर संभाग से जोड़ रही है, और साथ ही साथ यह मार्ग रा. रा. क्रमांक 346 जिला अशोक नगर एवं चंदेरी (चंदेरी अपनी रेशम की साड़ियों, ऐतिहासिक किलों / पहाड़ियों एवं भू दृश्यों के लिये विश्व प्रसिद्ध है) एवं अन्य जिलों को भी जोड़ेगी।

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