सागर/ कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर जिला प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस प्रशासन द्वारा शहर को पशु विचरण मुक्त क्षेत्र बनाने के लिये लगातार कार्यवाही की जा रही है। जिसके तहत् डेयरी संचालक अपनी डेयरियों को रतौना में बनाये गये विस्थापन स्थल पर स्वेच्छा से पहुॅचने लगे है ।इसी क्रम में शुक्रवार को सागर नगर से 2 डेयरियॉं खाली करायी गई। डेयरी संचालकों द्वारा राशि जमा करने एवं पंजीयन के लिये नगर निगम में 4 काउंटर प्रारंभ किये गये है ,जहॉ गुरूवार एवं शुक्रवार को 12 डेयरी मालिकों द्वारा, जिनके पशुओं की संख्या 440 है रतौना में प्लाट आवंटन हेतु राशि जमा की गई। इसके साथ ही 11 नये डेयरी मालिकों द्वारा जिनके पशुओं की संख्या 140 है, के द्वारा पंजीयन कराने के लिये फार्म प्राप्त किये है।
नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कि शहर के सभी डेयरी संचालकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये विस्थापन स्थल, रतौना में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी गई है । जो शेष रह गए हैं ,उन्हे भी पूर्ण किया जा रहा है। डेयरी संचालकों द्वारा भी शहर को पशु विचरण मुक्त और शहर की स्वच्छता एवं यातायात में पशुओं के कारण आने वाले व्यवधान एवं दुर्घटनाओ को देखते हुये विस्थापन स्थल रतौना पर पहुॅचने लगे है। उन्होने पशुओं के लिये शेड बनाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।
डेयरी विस्थापन पहुॅचने वालों का प्रशासन सहयोग करेगा।जिला प्रशासन एवं नगर निगम डेयरी विस्थापन स्थल पर अपने पशु लेकर जाने वाले डेयरी संचालकों का लगातार सहयोग कर रहा है लेकिन जो पशुपालक असहयोगात्मक रवैया अपनायेंगे उन्हें प्रशासन किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेगा। बल्कि पशुओं को पकड़कर गौ शालाओं में भेजा जायेगा।
शुक्रवार को सूबेदार वार्ड से संजीव पंडया के 15 जानवरों की डेयरी खाली करायी गई। इसके साथ ही गौर नगर वार्ड में देवेन्द्र यादव, राजेश गौतम, विनोद यादव के 25 जानवरों की 3 डेयरियॉं खाली करायी गई वे अपने जानवरों को नगर निगम सीमा के बाहर स्वेच्छा से ले गये।
पूर्व पार्षद श्री नरेश यादव ने डेयरी विस्थापन कार्य को नगर हित में महत्वपूर्ण कदम बताते हुये कहा कि जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा डेयरी विस्थापन स्थल रतौना में पशुपालकों के लिये सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी गई है ।साथ ही पशुपालकों को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बैठक में विश्वास दिलाया था कि विस्थापन स्थल पर कोई भी समस्या नहीं होगी। अगर कोई समस्या आती है तो उसे भी दूर किया जायेगा। इसलिये डेयरी संचालकों को शहर हित को देखते हुये प्रशासन का सहयोग करना चाहिये और विस्थापन स्थल पर अपने पशुओं को लें जायें तथा अपनी-अपनी डेयरियों का संचालन करें।