बेहतर इनोवेटिव आइडिया को मिलेगा स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर की सेवाओं का निःशुल्क लाभ
सागर स्मार्ट सिटी की इनक्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग में स्टार्टअप्स के प्रथम बैच का हुआ शुभारंभ’

सागर / सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ओल्ड आरटीओ कैम्पस में अत्याधुनिक सुविधाओं सहित नवनिर्मित इनक्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग में स्टार्टअप्स के प्रथम बैच का शुभारंभ बुधवार को हुआ। स्पार्क इनक्यूबेशन सेंटर के चयनित स्टार्टअप्स को विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ यहां मिल रहा है। यहां आयोजित ऑफलाइन सेशन के मुख्य गेस्ट स्पीकर स्मार्ट सिटी कम्पनी सचिव श्री रजत गुप्ता ने उपस्थित स्टार्टअप्स प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया की कंपनी फार्मेशन और इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अंतर्गत सही क्रियान्वयन आवश्यक है। उन्होंने प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड लाईबेलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) या पार्टनरशिप फर्म बनाने आदि की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया की स्टार्टअप के लीगल कंप्लायंस एवं फार्मेशन कराने के लिए बहुत सी छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखना जरूरी है। जानकारी के अभाव में बहुत से युवा उद्यमी अपने स्टार्टअप को उपयुक्त संस्था के रूप में न बनाकर व्यवसाय स्थापित कर लेते हैं और उन्हें जब स्टार्टअप को बढ़ाने हेतु फंडिंग या अन्य प्रकार की इन्क्यूबेशन सेंटर से मिलने वाली सहायता की आवश्यकता पड़ती है तो वे इसके लिए सक्षम नहीं होते। स्टार्टअप इंडिया पालिसी एवं एमपी स्टार्टअप पालिसी के अनुसार प्रदान की जाने वाली सुविधाएं सिर्फ उन्ही स्टार्टअप के लिए प्रदान की जाती है जो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड लाईबेलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) या पार्टनरशिप के रूप में पंजीकृत होते हैं। स्टार्टअप को स्टार्टअप इंडिया पालिसी एवं एमपी स्टार्टअप पालिसी के अनुसार उपयुक्त फर्म के रूप में पंजीकृत करना आवश्यक है। ताकि भविष्य में बैंक या अन्य प्रकार से होने वाली फंडिंग पाने और व्यवसाय को स्केल करने में आपको पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने बताया की स्टार्टअप को प्रोडक्ट या सर्विसेज की वेल्यू प्रपोजीशन कराना आवश्यक है और उक्त प्रोडक्ट हेतु मार्केट रिसर्च व खोज महत्वपूर्ण है।
सागर स्मार्ट सिटी का यह सेंटर सभी इनोवेटिव आइडिया के साथ आने वाले छात्र-छात्राओं, युवाओं आदि को मेंटरिंग, काउंसलिग आदि विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देकर स्टार्टअप तैयार करने हेतु सहयोग देता है और बेहतर स्टार्टअप्स को एक को-वर्किंग स्पेस में बैठकर कार्य करने हेतु इंटरनेट सुविधा, उत्तम बैठक व्यवस्था आदि मूलभूत सुवधाओं सहित अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ दे रहा है। स्पार्क सेंटर स्टार्टअप्स को संस्थागत, विपणन, वित्तीय और व्यापार में वांछित सहयोग प्रदान करने हेतु संकल्पित है। स्पार्क के द्वारा सभी स्टार्टअप्स को वैश्विक तथा स्थानीय बाजार/आयोजन/कार्यशालाओं में पर्याप्त अवसर प्रदान करना, उन्हें कम्पनी तथा कर सम्बंधित कानूनों के परिप्रेक्ष्य में आ रही समस्याओं के निराकरण में मार्गदर्शन, बाजार पूर्व अध्ययन व मूल्यांकन की सुविधाएं, उत्पाद आधारित स्टार्टअप्स के लिए विशेष सहयोग, व्यापार हेतु आवश्यक विभिन्न अनुमति/सम्मतियों के लिए कार्योंत्तर स्वीकृति की व्यवस्था, मार्केटिंग में सहयोग हेतु विषय-विशेषज्ञ द्वारा मार्गदर्शन आदि सभी आवश्यक सहयोग दिए जाएंगे।
’शासन की स्टार्टअप नीति अनुसार किया जाएगा सीड फंड दिलाने में सहयोग’
स्टार्टअप्स को बाजार में एंट्री, प्रोडक्ट ट्रायल, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, कमर्शियलाइजेशन आदि के लिए शुरूआती पूंजी की आवश्यकता होती है। जिसके अभाव में उभरते हुए बेहतर आइडिया वाले स्टार्टअप्स भी सिर्फ एक आइडिया बनकर रह जाते हैं। सागर स्मार्ट सिटी का स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर ऐंसे प्रतिभावान स्टार्टअप्स को अपने उत्कृष्ठ आइडिया को बाजार में सफल स्टार्टअप के रूप में स्थापित करने के लिए शासन की स्टार्टअप नीति अनुसार सीड फंड दिलाने में सहयोग करेगा। स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा शासन से सीड फंड का लाभ दिलाने हेतु प्रक्रिया प्रगतिरत है।
’बेहतर इनोवेटिव आइडिया को मिलेगा स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर की सेवाओं का निःशुल्क लाभ’
एक बेहतर इनोवेटिव आइडिया के साथ स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर में पंजियन कराएं, अपने प्रोडक्ट आइडिया का टेक्निकल कंटेंट, नवाचार, समयसीमा, ग्राहक आधार और मार्केट संभावना, कोर टीम और प्रमोटर्स की जानकारी, पूर्व से स्थापित स्टार्टअप्स की विपणन क्षमता, उत्पादों की बाजार मांग आदि विषयों का विस्तृत प्रजेंटेशन तैयार कर प्रस्तुति दे सकते हैं। स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा दो चरणों में स्क्रीनिंग कर स्टार्टअप की प्रोडक्ट आइडिया स्ट्रेंथ के आधार पर बेहतर आइडिया को चयनित किया जाएगा और चयनित स्टार्टअप्स को स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर की सेवाओं का निःशुल्क लाभ मिलेगा।
’विभिन्न स्टार्टअप ले सकते हैं स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग में सुविधाओं का लाभ’
सामान्य स्टार्टअप 6 से 9 माह तक, महिला स्टार्टअप 12 माह तक, दिव्यांगजन स्टार्टअप 12 माह तक, छात्र-छात्राओं का स्टार्टअप 12 माह तक स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग में बैठकर कार्य कर सकते हैं और अपने स्टार्टअप को लोकल से वोकल बनाने में सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
इस आफॅलाइन वर्कशॉप में सागर स्मार्ट सिटी के ई-गर्वनेंस मैनेजर श्री अनिल शर्मा, स्पार्क टीम के सदस्य, विभिन्न स्टार्टअप्स आदि उपस्थित रहे।