भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अंतर्गत बन रही सड़कों के भू-अर्जन का कार्य 10 दिवस में करें – संभागायुक्त डॉ. रावत
सागर / भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत सागर में बन रही सड़कों के लिए ली गई भूमि का भू-अर्जन के कार्य 10 दिवस में करें। उक्त निर्देश संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की समीक्षा बैठक में दिए। इस अवसर पर प्राधिकरण के अधिकारी सहित इंजीनियर एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सागर जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर 42.3 किलोमीटर लागत 790.78 करोड़ की राशि से तैयार हो रही सड़कों भू-अर्जन का कार्य 10 दिवस में करें एवं संबंधित निर्माण एजेंसी को सौंपे। उन्होंने कहा कि यह सड़क निर्माण कार्य अप्रैल 2024 तक पूर्ण किया जाना है। जिसके लिए सभी अधिकारी समय सीमा में भू-अर्जन कर किसानों को राशि का अवार्ड पारित कर भूमि एजेंसी को सौंपे। संभागायुक्त डॉ. रावत ने कहा कि सागर मोहनी चलन चौड़ीकरण सड़क में सागर अनुविभाग में सिद्धगुवा, केरवना, कर्रापुर एवं बंडा अनु विभाग में दलपतपुर बायपास, रुरावन, क्वायला, डीलाखेड़ी में जमीनों का भू-अर्जन का कार्य शीघ्रता से करें। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भू-स्वामियों को मुआवजा वितरण कर भौतिक कब्जा दिलाने की कार्रवाई सुनिश्चित कराएं।
डॉ. रावत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बेरखेड़ी से गढपहरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 146 लंबाई 28.5 किलोमीटर राशि 524.84 करोड रुपए की लागत से तैयार की जा रही है, जिसको नवंबर 2024 तक पूर्ण किया जाना है। राजमार्ग क्रमांक 146 की बरखेड़ी से गढ़पहरा तक चल 28.5 किलोमीटर भारतमाला परियोजना के अंतर्गत मार्ग के निर्माण के लिए ग्राम के बैदौला, कोल्हूआ अमृरसा, सिरवाई में भूमि स्वामियों की भूमि का भू-अर्जन कर कब्जा प्राधिकरण को सौपें।
डॉ. रावत ने बताया कि मोहारी से सटई घाट पैकेज दो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 934 लंबाई 39.57 किलोमीटर राशि 710.92 करोड़ रुपए से सड़क कार्य किया जा रहा है। परियोजना में बंडा अनुविभाग के अंतर्गत बिलाग्राम, चंदोला, शाहगढ़, अमरमऊ, आगरा, हीरापुर, बिलगुआ एवं बिजावर अनुविभाग के अंतर्गत लेहर, दरगुआ मद्देवरा, निवार, पालदा के भू स्वामियों की जमीन का भू-अर्जन कर अवार्ड पारित कराएं एवं कब्जा प्राधिकरण को सौपें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्य समय सीमा में गुणवत्ता के साथ संपन्न हो। किसी भी स्थिति में भू-स्वामियों को एवं आवागमन में बाधा न हो, इस प्रकार का कार्य किया जाए। साथ में उन्होंने कहा कि सभी कार्यों के निर्माण के समय बैरिकेडिंग एवं साईन बोर्ड लगाए, जिससे कि कहीं कोई दुर्घटना न हो और निर्माण की प्रगति की जानकारी प्रस्तुत करें।