सागर
मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर लड़की की हत्या कारित करने वाले आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 2000-2000/- रूपये अर्थदण्ड
सागर। मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर लड़की की हत्या कारित करने वाले आरोपीगण गनपत पिता गंगाराम अहिरवार ,राजकुमार पिता सुखई अहिरवार एवं नीरज पिता गनपत को न्यायालय-अपर-सत्र न्यायाधीष , देवरी जिला-सागर की न्यायालय ने धारा-302 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा धारा- 452 के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास व पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया एवं एक अन्य अभियुक्त जितेन्द्र अव्यस्क होने से उसका विचारण किषोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। उक्त मामले की पैरवी श्री लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना देवरी में उप-निरीक्षक को दिनाॅक 24.05.2020 को सूचना प्राप्त हुई कि देवरी अस्पताल मे डायल 100 में आहत विमला को आग लगने से इलाज हेतु अस्पताल लेकर आये है तब सी.एच.सी देवरी में उक्त आहत से पूछताछ कर देहाती नालसी लेख की गई जिसके अनुसार आहत विमला ने बताया कि दिनाॅक 22.05.2020 को रात्रि में भाई बलराम एवं चाचा की साराज आरती कहीं भाग गई उसी बात को लेकर दिनाॅक 24.05.20 को रात 8ः00 बजे जब वह दरवाजे पर खड़ी थी उसके मम्मी-पापा पड़ोस में गये थे तभी अभियुक्त गनपत, राजकुमार, नीरज और जितेन्द्र आये और भाई बलराम एवं मम्मी-पापा को गंदी-गंदी गालियाॅ देने लगे । जब गाॅलियाॅ देने से मना किया तो उसे मारने के लिये आरोपीगण घर के अंदर घुस आये फरियादी डर के कारण खाना बनाने वाले कमरे में आकर दरवाजा बंद करने लगी तो चारों ने दरवाजे को ध्क्का मारकर अंदर आ गये और जान से मारने की नियत से राजमुमार ने कमरे में रखी मिट्टी के तेल की कुप्पी उठाकर उसके ऊपर डाल दी जब वह भागने लगी तो नीरज व जितेन्द्र ने दोनों हाथ पकड़ लिये वह चिल्लाई तो मम्मी-पापा आ गये तब गनपत ने गैस चूल्हे के पास रखी माचिस उठाकर उसे आग लगा दी और चारों लोग भाग गये वह जलते हुये घर के आगन में आई तो मम्मी-पापा ने पानी डाला और 100 डायल से मम्मी पापा के साथ देवरी शासकीय अस्पताल आई जहाॅ उसे जिला अस्पताल सागर में इलाज के लिये रिफर कर दिया। । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-देवरी द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 302, 302/34,294, 452 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय अपर-सत्र न्यायाधीष, देवरी जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।