सागर/ राज्य सरकार ने लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की है। इस योजना से गरीब और निम्न मध्यम वर्ग की महिलाओं को प्रति माह 1000 रूपये मिलेंगे। लाड़ली बहना सिर्फ योजना नहीं एक सामाजिक क्रांति है। योजना के तहत अब लापड़ली बहना को अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना होगा। यह योजना बहन के लिए उपहार है, जो उन्हें पूरे वर्ष मिलता रहेगा।मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए चल रहे अभियान में बहनों का अपार जन-समर्थन मिल रहा है। लाड़ली बहना योजना का लाभ 23 से 60 वर्ष तक की उन बहनों को मिलेगा, जिनके परिवार की सालाना आय ढाई लाख रूपये से कम हो, घर में 5 एकड़ से अधिक भूमि न हो और कोई 4 पहिया वाहन न हो। योजना के फॉर्म 30 अप्रैल तक भरे जा रहे हैं, मई माह में इनका परीक्षण होगा और आगामी 10 जून से पात्र बहनों के खाते में 1000 रूपये प्रतिमाह आने लगेंगे।
प्रदेश में बहनों की जिंदगी बदलने का महा अभियान चल रहा है।महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय को समाप्त करूंगा।प्रदेश में सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई और बेटियों को उनके जन्म के समय 30 हजार रूपये का बचत-पत्र खरीद कर दिए जाने लगा। इसमें समय-समय पर उन्हें पढ़ाई के लिए राशि मिलती है और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर उन्हें एक लाख रूपये एकमुश्त मिलते हैं। प्रदेश में 44 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी हैं।मध्यप्रदेश में पंचायत और स्थानीय निर्वाचन में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायतों तक बहनें सरकार चला रही हैं। जमीन, जायदाद बहनों के नाम से करने पर रजिस्ट्री शुल्क 1 प्रतिशत ही लिया जाता है। पुलिस और शिक्षकों की भर्ती में भी बेटियों को आरक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में गरीब बहनों की शादी सरकार करवाती है। संबल योजना में भी बहनों को लाभ दिया जाता है।