मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया अस्पताल के दोनों ही डॉक्टर्स को बधाई दी
फैफडे़ में कैथेटर डालकर खून की नली को किया ठीक

भोपाल//लगातार खांसी में आ रहे खून को रोकने के लिए पहली बार हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर्स ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर मरीज की जांघ की महाधमनी (आर्टरी) के रास्ते फैफड़े की आर्टरी को ठीक किया । टीबी के मरीजों के लिए पहली बार इस तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है। मरीज को जांच के बाद विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता और रेडियोडाग्नोसिस विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लवली कौशल ने मरीज का ब्रोंकाइल आर्टरी एम्बुलाइजेशन तकनीक से इलाज करने का निर्णय लिया। जिसके बाद यह प्रोसीजर कार्डियोलॉजी विभाग की कैथलैब में किया गया। इस ट्रीटमेंट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया अस्पताल के दोनों ही डॉक्टर्स को बधाई भी दी।
बीस दिन से नहीं रुक रहा था खून
मरीज जावेद खान करीब 20 दिन से बलगम में खून आने से परेशान थे। तमाम उपचार के बावजूद परेशानी दूर नहीं हो रही थी। यहां जांच के बाद पता चला कि मरीज के फैफड़े में इंफेक्शन के कारण आर्टरी में केविटी गई थी। केविटी के आर्टरी में छेद हो गया जिससे खून मरीज के फैफड़ों में जमा होने लगा था। ऐसे में वह जब भी खांसता तो मुंह से खून आ रहा था। बिना बेहोश किए 13 मिनट में किया प्रोसीजर
डॉ. लवली कौशल ने बताया कि इसमें आर्टरी में तरल पदार्थ या चूर्ण डालकर खून के प्रवाह को रोका जाता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए मरीज की जांघ की आर्टरी में छोटा सा चीरा लगाकर एक कैथेटर डालकर उसे फैफडे़ की आर्टरी के पास पहुंचाया गया। यहां खराब जगह पर कैथेटर के माध्यम से तरल पदार्थ डालकर रक्त स्त्राव को रोका गया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में 15 मिनट का समय लगा और मरीज को बिना बेहोश किए पूरा प्रोसीजर किया गया।
मुख्यमंत्री ने की डॉक्टर्स की तरीफ
इस प्रोसीजर के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों डॉक्टर्स को बधाई दी और कहा कि मैं आज हमीदिया अस्पताल के अपने डॉक्टर्स को बधाई देना चाहता हूं, आलोचना सरकारी अस्पतालों की बहुत आसान है। लेकिन उपलब्धियों की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमीदिया अस्पताल में पहली बार अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके टीवी के मरीजों के इलाज के लिए पहली बार एक तकनीक इस्तेमाल की गई। जांघ के रास्ते फैंफड़े में कैथेटर डाल कर खून की नली को ठीक किया गया। मैं डॉक्टर राजीव गुप्ता और डॉक्टर लवली कौशल और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं।