सागर

संभागायुक्त ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर फायर सेफ्टी सहित अन्य सुविधाओं को देखा, दिए आवश्यक निर्देश

सागर/    संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने आज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वहां के फायर सेफ्टी सहित अन्य सुविधाओं को देखा एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर श्री चंद्रशेखर शुक्ला, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. आर.एस. वर्मा, अधीक्षक सुनील पिप्पल, डॉ. उमेश पटेल सहित फायर सेफ्टी एवं अन्य सुविधाओं से जुड़े अधिकारी एवं डॉक्टर मौजूद थे ।
संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के बाद बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वहां फायर सेफ्टी की सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मौके पर ही उनको उपयोग कराकर देखा भी। उन्होंने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के फायर सेफ्टी कंट्रोल रूम में जाकर वहां मौजूद व्यवस्थाओं एवं फायर सेफ्टी अधिकारी से उपकरणों के संबंध में उनको संचालित करने एवं रखरखाव की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की कैंटीन, लॉन्ड्री, दवा के स्टोर रूम, टॉयलेट, एक्सरे, सोनोग्राफी कक्ष, ओपीडी काउंटर, एयर कंडीशन कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन कंट्रोल रूम सहित अन्य व्यवस्थाओं को देखा।
उन्होंने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में दवा का स्टॉक रखें एवं समय के पूर्व ऑर्डर देकर दवा की आपूर्ति कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि फायर सेफ्टी कंट्रोल रूम, एयर कंडीशन कंट्रोल रूम एवं ऑक्सीजन कंट्रोल रूम में 24 घंटे तीन पारियों में कर्मचारी तैनात करें, जिससे कहीं भी कोई असुविधा का सामना करना पड़ा। उन्होंने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के समस्त एयर कंडीशन को चेक कराएं एवं खुली हुई वायरिंग को भी ठीक कराएं। उन्होंने कहा कि उपयोग न होने वाले सामानों को अलग करें।
संभागायुक्त डॉ. रावत ने निर्देश दिए कि सभी फायर सेफ्टी के हाइडेंट एवं फायर सेफ्टी उपकरण चालू हालत में रखें। साथ में जनरेटर की अलग से व्यवस्था बनाएं। संभागायुक्त ने लॉन्ड्री में पहुंचकर वहां साफ सुविधा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कैंटीन में पहुंचकर बन रहे भोजन को देखा एवं निर्देश दिए कि प्रतिदिन शाम सबेरे वितरित होने वाले खाने की टेस्टिंग करें। उन्होंने कैंटीन में स्वच्छता बनाने के निर्देश दिए। संभागायुक्त डा. रावत ने कहा कि भीषण गर्मी के समय लगातार विद्युत उपकरणों की टेस्टिंग की जावे और जहां आवश्यक हो वहां सुधार कार्य तत्काल करें।

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