भोपालसागर

संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा दमोह के गंगा जमुना स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी

सागर/     संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर श्री मनीष वर्मा द्वारा दमोह जिले के गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह को विगत दिनों जिला शिक्षा अधिकारी दमोह द्वारा किये गए निरीक्षण में पाई गई कमियों के दृष्टिगत मान्यता निरस्त किये जाने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। म.प्र. माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 के नियम 5 एवं 9 के अधीन विहित मानकों, शर्तों और उत्तरदायित्वों तथा म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का शिक्षण संस्था में प्रथम दृष्टया पालन नहीं होने के फलस्वरूप मान्यता नियम-11 (2) के तहत यह कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।
नोटिस में कहा गया है कि विद्यालय में पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था नहीं पाई गई। विद्यालय के भौतिक शास्त्र प्रयोग शाला में पुराना फर्नीचर रखा पाया गया एवं समुचित प्रायोगिक सामग्री नहीं पाई गई। केमिस्ट्री प्रयोग शाला कक्ष में पुरानी सामग्री रखी हुई है, आवश्यक प्रायोगिक सामग्री नहीं पाई गई। विद्यालय में दर्ज 1208 बालक/बालिकाओं के मान से स्वच्छ पृथक-पृथक शौचालयों की एवं शुद्ध पेयजल व्यवस्था नहीं पाई गई। कम्प्यूटर लैब में निर्धारित कम्प्यूटर नहीं पाये गये। विद्यालय में विद्यार्थियों के मान से अध्यापन कक्षों में बैठक व्यवस्था हेतु पर्याप्त फर्नीचर नहीं पाया गया। विद्यालय में मान्यता नियमों के तहत खेल मैदान एवं बच्चों के खेलने जैसे बॉलीबॉल, फुटबाल, खो-खो, टेबिल-टेनिस इत्यादि हेतु पर्याप्त खेल सामान, खेल मैदान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं पाई गई।
विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिवहन के लिए वाहन रखरखाव हेतु पर्याप्त स्थान एवं दिशा निर्देशों का पालन नहीं पाया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 04.12.2020 के परिपालन में आपके ऑनलाईन आवेदन क्रमांक डीपीआई 2111125 अनुसार कक्षा 9 वीं / 11 में 40-40 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या मान से कमीपूर्ति का प्रतिपरीक्षण कराने के उपरांत दिनांक 12.01.2021 को मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही की गई थी।
जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के परीक्षण में सत्र 2022-23 में विद्यालय में उक्त मान से अधिक संख्या में विद्यार्थी दर्ज पाए गए हैं। म०प्र० बाल अधिकार संरक्षण परिषद भोपाल सदस्यों के द्वारा 2 जून को किए गए निरीक्षण में प्रचलित पाठ्यक्रम से भिन्न उर्दू साहित्य की पुस्तकें पाई जाना एवं अन्य शिकायतें भी 3 जून को समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं जबकि मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 के नियम 5 (5) (ख) में स्पष्ट प्रावधान है कि “शाला पुस्तकालय में कोई ऐसी पुस्तक या अन्य रूपों का साहित्य अंतर्विष्ट नहीं होगा जो साम्प्रदायिक विवाद या जातिवाद या धर्म, क्षेत्र या भाषा आदि के आधार पर भेदभाव का समर्थन अथवा प्रचार करें। शाला पुस्तकालय में भारत सरकार या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित किसी पुस्तक को नहीं रखा जाएगा।“ उपरोक्तानुसार अशास. शिक्षण संस्था- गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह के अशासकीय शिक्षण संस्था- गंगा जमना स्कूल दमोह की मध्यप्रदेश माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 11 के तहत मान्यता क्यों नहीं निरस्त की जावे? इस संबंध में आप अपना लिखित प्रतिवाद सुसंगत प्रमाणित दस्तावेजों के साथ 3 दिवस में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण  कार्यालय में समक्ष में प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button