सागर, / सचिव और आयुक्त एमएसएमई विभाग श्री पी. नरहरि ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में हर माह 100 से 200 के बीच में नए स्टार्टअप बढ़े रहे हैं। इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए अनेक सुविधाएं देने के लिए योजनाएं प्रारंभ की हैं। राष्ट्रीय एमसेवा एप स्टोर और नेशनल एसएसओ पर इंदौर में आज एक कार्यशाला के दौरान श्री नरहरि ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के स्टार्टअप को इन्वेस्टमेंट और स्टार्टअप से जुड़ी हुई अन्य गतिविधियों की मदद के लिए भी योजनाऐं प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने कहा कि अब बात है यह कि उन्हें क्षमता के साथ इस सुविधा का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार में स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए बहुत योजनाएं और संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप को पब्लिक और मार्केट के साल्यूशन पर ध्यान देना होगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने मध्यप्रदेश के स्टूडेंट्स के लिए इनोवेशन फंड की स्थापना की है। उन्होंने बताया स्टार्टअप इनोवेशन के बारे में सोचना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आइडिया स्टेज पर भी स्टार्टअप को पैसा देना सरकार प्रारंभ कर रही है।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप को इनोवेशन ऐरा के संदर्भ में व्यापक रूप से सोचना पड़ेगा। मध्यप्रदेश के स्टार्टअप क्षेत्र में आज जिस प्रकार से गूगल , फेसबुक माइक्रोसॉफ्ट के प्लेटफार्म हैं ऐसे प्लेटफार्म बनाने पर विचार करें, उस दिशा में काम करें। उन्होंने बताया कि स्वयं के प्लेटफार्म मध्य प्रदेश के स्टार्टअप बनाएं जिससे कि मध्य प्रदेश के विकास में और तरक्की में अपना योगदान दे सकें।
मध्यप्रदेश के महत्वाकांक्षी स्टार्टअप्स के लिए एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन सी-डैक मुंबई द्वारा किया गया। सी-डैक मुंबई,इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की दो राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी है। राष्ट्रीय एम सेवा एप स्टोर और नेशनल एसएसओ (ई-प्रमाण), स्वदेशी रूप से विकसित प्लेटफॉर्म है। कार्यशाला में इन प्लेटफार्मों के लिए परिचय और उपयोग को शामिल किया गया था।
ई-गवर्नेंस के वर्तमान रुझानों पर इलेक्ट्रॉनिक्स सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के परिप्रेक्ष्य के बारे में डॉ. संतोष पांडे, एडिशनल डायरेक्टर ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार साइलोस से कनेक्टेड सिस्टम , स्टैंडअलोन सिस्टम से प्लेटफॉर्म-आधारित सिस्टम और सिस्टम से इकोसिस्टम की ओर बढ़ रही है। इस दृष्टि को लागू करने के लिए, उन्होंने तीन प्रमुख स्तंभों पर प्रकाश डाला, जैसे गाइडिंग फ्रेमवर्क, भारत इंटरप्राइज आर्किटेक्चर, कनेक्टेड सिस्टम, जो सिस्टम के बीच बातचीत के लिए ’’एपीआई फर्स्ट’’ दृष्टिकोण पर भरोसा करते हैं और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की इंटर ऑपरेबिलिटी के लिए एनएसएसओ की मदद से मल्टीपल लॉगिन क्रेडेंशियल्स को खत्म करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इंटर ऑपरेबिलिटी के लिए वर्तमान में कई विभागों में इस प्लेटफॉर्म-आधारित दृष्टिकोण का पालन किया जा रहा है।
डॉ. पद्मजा जोशी, वरिष्ठ निदेशक, सी-डैक मुंबई ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की यात्रा में सी-डैक भी अपनी भागीदारी को निभा रहा है, जो आईटी डोमेन से कई पहलों के साथ सी-डैक द्वारा कार्यान्वित की जाती हैं। दो ऐसी पहलें जो इस कार्यशाला की मुख्य विशेषताएं थीं,पहली एम सेवा एप स्टोर – भारत का स्वदेशी रूप से विकसित एप स्टोर और दूसरी ई-प्रमाणः मेरी पहचान जो एक राष्ट्रीय सिंगल साइन ऑन है, जो विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने के लिए कई क्रेडेंशियल्स को याद रखने के लिए नागरिकों को मदद करता है एवं सेवाओं के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण कारकों का चयन करने के लिए माम्यता प्रदान करता है। ई-प्रमाण विभिन्न प्रमाणीकरण तंत्र प्रदान करने के साथ उपयोगकर्ताओं को गतिविधियों के बारे में सूचित रखने के लिए फ्रॉड मैनेजमेंट भी प्रदान करता है। सी-डैक प्रमाणीकरण डोमेन में अनुसंधान भी शामिल है और प्लेटफॉर्म को अद्यतन स्थिति में रखने के लिए नियमित रूप से अपने प्लेटफॉर्म को बढ़ाता रहता है। क्रमां