सागर/ भारत पैट्रोलियम रिफायनरी बीना के सभी मजदूर स्वस्थ हैं। कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरे सहित अन्य डॉक्टरों की टीम ने बीना रिफाइनरी पहुंचकर उल्टी दस्त से पीड़ित सभी श्रमिकों की जांच की एवं दवाओं का वितरण किया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. सुशीला यादव, डॉ अरविंद गौर, डॉ. रत्ना चौकसे सहित अन्य स्थानीय डॉक्टर मौजूद थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरे ने बताया कि भारत पैट्रोलियम लिमिटेड फैक्ट्री में मजदूरों की स्वास्थ्य खराब होने की सूचना पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला से एक स्वास्थ्य दल का गठन किया गया और संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ सुशीला यादव, डॉ ममता तिमोरे के नेतृत्व में बीना रवाना किया गया। सभी डॉक्टरों ने बीना रिफाइनरी पहुंचकर उल्टी दस्त से पीड़ित सभी श्रमिकों की जांच की एवं आवश्यक उपचार किया। सभी हैंडपंपों एवं अन्य जल स्रोतों पर क्लोरीन दवा का छिड़काव किया जा रहा है एवं विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बीना विकासखंड के बिलई गांव का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का निरीक्षण किया गया। जिसमें बीमार मजदूरों को रात में ही दवाओं का वितरण किया गया था उन्होंने बताया कि सभी श्रमिकों को आवश्यक दवाओं का वितरण किया गया है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पास दवाओं का स्टॉक भी सुनिश्चित कराया गया है। डाक्टर तिमोर ने बताया कि रात्रि में सूचना प्राप्त होते ही बीना की बीएमओ डॉ अरविंद गौर ,डाक्टर हर्षिता परिहार ,डॉ धर्मेंद्र सिंह को जांच व उपचार के लिए बिलई गांव भेजा गया था जहां उन्होंने पूरी रात श्रमिकों की जांच की एवं आवश्यक उपचार किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरे ने बताया कि उल्टी दस्त से राजा दांगी ,भरोसी अहिरवार ,इंदिराबाई ,कीर्ति ,गंगा ,गया बाई ,रामलाल ,पवन ,मथुरा प्रसाद ,अजब सिंह, राजा, मलखान ,लक्ष्मी दांगी, उमा, वीर सिंह सहित अन्य श्रमिक पीड़ित थे। जिनको उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि सभी श्रमिक पूर्णता स्वस्थ हैं और लगातार उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए संबंधित स्थानीय डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए पानी परीक्षण हेतु कहा गया है जोकि दो दिवस में क्षेत्र के हैंडपंपों एवं अन्य जल स्रोतों का पानी परीक्षण कर दवा का छिड़काव करेगी।