
सागर/ कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने अक्षय तृतीय, बंसत पंचमी एवं विशेष तिथियों के अवसर पर बाल विवाह के रोकथाम हेतु जिला, विकासखंड, ग्राम, वार्ड स्तर पर निगरानी के लिए निगरानी दल गठित किये हैं।
जिला स्तरीय निगरानी दल के अध्यक्ष कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी और सदस्य सचिव जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग होंगे। दल के अन्य सदस्यों में पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, को सदस्य एवं सचिव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना समन्वयक, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद, जिला समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड लाईन के समन्वयक शामिल हैं।
उक्त दल जिला स्तर पर विवाह आयोजनों में सेवाये देने वाले सेवा प्रदाताओं, कोर गु्रप के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों को कार्यशालाओं एवं अन्य प्रचार-प्रसार के माध्यमों से संवेदीकरण कर बाल विवाह में सेवाएं सहयोग न देने की अपील करेगा। उपरोक्त दल अंतविभागीय समन्वय कर विवाह महूर्तो के अवसर पर बाल विवाह न करने का परामर्श देगा। जिला स्तर पर चाइल्ड लाईन 1098, महिला हेल्प लाईन 181 या पुलिस को 100 नंबर पर सूचित किया जा सकेगा।
उक्त दल प्रिंटिग प्रेंस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बैंड वाले, ट्रान्सपोर्ट एवं समाज प्रमुखों से उम्र संबंधी प्रमाण पत्र के परीक्षण के पश्चात ही विवाह आयोजन में सेवाएं प्रदान करने का अनुरोध करेगा। दल प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में वर-वधु की उम्र के प्रमाण के लिए गये है’ का स्पष्ट उल्लेख करने हेतु जिले के समस्त प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित करने की कार्यवाही करेगा। उपरोक्त दल ब्लॉक स्तरीय दल से प्राप्त 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक जिनके विवाह होने की संभावना हो की सूची एकत्रित कर संबंधितों को निगरानी हेतु निर्देशित करेगा।
ब्लाक स्तर पर दल के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और सदस्य सचिव परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास होंगे। अन्य सदस्यों में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद पंचायत सीईओ, तहसीलदार, खंड चिकित्सा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी/बीआरसी,, विकासखंड समन्वयक जनअभियान परिषद, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक नेहरू युवा केन्द्र, पैरालीगल बॉलेन्टियर विधिक सेवा एवं स्वैच्छिक संगठन के प्रतिनिधी शामिल हैं।
ब्लाक स्तर पर विवाह आयोजनों में सेवायें देने वाले सेवा प्रदाताओं, कोर ग्रुप के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों को कार्यशालाओं एवं अन्य प्रचार माध्यम से संवेदीकरण कर बाल विवाह में सेवाएं / सहयोग न देने की अपील करेगा। उपरोक्त दल अंतर्विभागीय समन्वय कर विवाह महूतों के अवसर पर बाल विवाह न करने का परामर्श देगा।
ब्लाक स्तर पर बाल विवाह की सूचना हेतु ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम बनाकर उसके दूरभाष नम्बर एवं चाइल्ड लाइन 1098. महिला हेल्प लाइन 181 या पुलिस के 100 नंबर का प्रचार प्रसार करना। ब्लाक स्तर पर 18 वर्ष से कम से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालकों की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार कर जिला स्तरीय दल को भेजेगा। उपरोक्त दल द्वारा सामूहिक विवाह स्थल में वर- वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण करेगा। यह उल्लेखनीय है कि उम्र संबंधी दस्तावेजों में जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची, आंगनवाडी केन्द्र का रिकार्ड ही मान्य होगा।
प्रिंटिंग प्रेस हलवाई, कैटरर धर्मगुरू, बैण्ड वाले ट्रान्सपोर्ट एवं समाज प्रमुखों से उम्र संबंधी प्रमाण-पत्र के परीक्षण पश्चात ही विवाह आयोजन में सेवाएं प्रदान करने का अनुरोध करेगा। दल प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में ’वर वधु की उम्र के प्रमाण के लिए गये. है का स्पष्ट उल्लेख करने हेतु जिले के समस्त प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित करने की कार्यवाही करेगा। उपरोक्त दल द्वारा खण्ड स्तर पर आयोजित होने वाले विवाह आयोजनों की निगरानी की जायेगी। उपरोक्त दल द्वारा बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर आपसी समन्वय से तत्काल प्रभावी कार्यवाही करेगा, जिसकी सूचना जिला स्तरीय समिति / जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला सागर को देगा।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तरीय निगरानी दल के अध्यक्ष सरपंच/वार्ड पार्षद तथा दल के सदस्य/सचिव पंचायत सचिव होंगे। अन्य सदस्य में पटवारी, शिक्षक समस्त, आंगनवाडी कार्यकर्ता, एएनएम स्वास्थ्य समिति, मातृ सहयोगिनी समिति, शौर्यादल सदस्य एवं स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल है।
उक्त दल ग्राम/वार्ड स्तर पर बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करेगा, अगर समय पर बाल विवाह रोकथाम की कार्यवाही दल के द्वारा नहीं की जाती तो दल सदस्यों के विरूध्द नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उपरोक्त दल पंचायत स्तर पर बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने हेतु सूचना तंत्र विकसित करेगा। जिसमें स्व सहायता समूह की महिलायें आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, आशाकार्यकर्ता, मातृ सहयोगिनी समिति सदस्य एवं पंचो का सहयोग लिया जा सकता है।
उक्त दल 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालकों, जिनके बाल विवाह की संभावना हो की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार कर ब्लॉक स्तरीय समिति अथवा परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास को देगा। उपरोक्त दल ग्राम / वार्डवासियों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से परिचित कराने हेतु समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। दल किसी बाल विवाह आयोजन की रोकथाम करने में विफल होता है, तो आयोजन से पूर्व उसकी सूचना विकासखण्ड स्तरीय समिति को देगा। प्रदेश में अनिवार्य विवाह पंजीयन अधिनियम लागू है, अतः प्रत्येक विवाह आयोजन का पंचायत / नगरीय निकाय में शत प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित किया जाएगा।