सागर / विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर पुरानी डफरिन अस्पताल बस स्टैंड के पास स्थित जिला पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि इस संग्रहालय का स्मार्ट सिटी के माध्यम से जीर्णोधार किया जा रहा है। ब्रिटिश शासन काल के सी पी बरार प्रांत के अंतर्गत इस भवन में 1921 में यहां महिला चिकित्सालय एवं प्रसूतिगृह स्थापित किया गया था। यह भवन मध्यप्रदेश शासन द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित संग्रहालय भवन के रूप में जिला सागर से संग्रहित पुरावशेषों को एकत्रित कर प्रदर्शित किया गया है प्रदर्शन में शैव, शाक्त, वैष्णव, जैन तीर्थंकर एवं अन्य प्रतिमाओं का अच्छा आकर्षण उपलब्ध है। विधायक श्री जैन ने बताया कि हमारी इस ऐतिहासिक धरोहर को उसका मूल स्वरूप बदले बिना इसका जीर्णोधार किया जा रहा है। यह पुरातत्व संग्रहालय वर्ष 2010 से यहां संचालित है। उन्होंने ठेकेदार और स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों को व्यवस्थित और अविलंब कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए इस दौरान उन्होंने पूरे संग्रहालय का निरीक्षण किया और वहां के अधिकारियों से प्रत्येक प्रतिमा की जानकारी ली।इस संग्रहालय में प्राचीन काल की लगभग 450 प्रतिमाएं स्थित है। सारी प्रतिमाओं को रखने के लिए व्यवस्थित प्लेटफार्म निर्माण करने के निर्देश दिए,सारी दीवारों की प्वाइंटिंग को करने के निर्देश दिए
उन्होंने बताया कि सागर जिले के इतिहास को लेकर डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, इसके लिए फुल साइज स्क्रीन भी लगाई जा रही है। उन्होंने प्रथम तल की गैलरी को आने वाले लोगों के लिए एक छोटा लेक व्यू कैफेटेरिया का प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि यह संग्रहालय रेवेन्यू मॉडल पर चलाया जा सके। इसके अतिरिक्त इसमे 3 पैनल बनाए गए है, जिसमे सागर के इतिहास से जुड़े हुए महापुरुष जैसे डा हरिसिंह गौर, महाकवि पद्माकर,यमुना ताई ,अब्दुल गनी खान, सहोदरा बाई राय से जुड़ी सारी सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी दूसरा बुंदेलखंड का इतिहास,एवं तीसरा सागर के ऐतिहासिक स्थल जिनमे आपचंद की गुफाएं,शिव पाली मंदिर,शीश महल गढ़पहरा को सम्मिलित किया गया है,
इसमें इन सभी स्थानों और व्यक्तियों का पूरा विवरण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संग्रहालय हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें सागर जिले के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को शामिल किया जाए, जैसे रहली का सूर्य मंदिर, ऐरन के ऐतिहासिक स्थल आदि । इसके अलावा उन्होंने संग्रहालय के अधिकारियों से कहा कि शहर के अनेक लोगों के पास बहुत सी प्राचीन चीजे उपलब्ध है, जैसे प्राचीन काल के सिक्के,बर्तन,अवशेष या अन्य चीजे जो लोगों के पास उपलब्ध है उनसे आग्रह करके संग्रहालय को उपलब्ध कराएंगे।उन्होंने यहां पर छोटी सी पत्थर की नाव को देखा जो पानी में डूबती नहीं है। निरीक्षण के दौरान पीएमसी आरके शुक्ला, संग्रहालय के अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
क्रमांक 364/2034/मनोज नेमा /फोटो संलग्न है।
उन्होंने बताया कि सागर जिले के इतिहास को लेकर डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, इसके लिए फुल साइज स्क्रीन भी लगाई जा रही है। उन्होंने प्रथम तल की गैलरी को आने वाले लोगों के लिए एक छोटा लेक व्यू कैफेटेरिया का प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि यह संग्रहालय रेवेन्यू मॉडल पर चलाया जा सके। इसके अतिरिक्त इसमे 3 पैनल बनाए गए है, जिसमे सागर के इतिहास से जुड़े हुए महापुरुष जैसे डा हरिसिंह गौर, महाकवि पद्माकर,यमुना ताई ,अब्दुल गनी खान, सहोदरा बाई राय से जुड़ी सारी सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी दूसरा बुंदेलखंड का इतिहास,एवं तीसरा सागर के ऐतिहासिक स्थल जिनमे आपचंद की गुफाएं,शिव पाली मंदिर,शीश महल गढ़पहरा को सम्मिलित किया गया है,
इसमें इन सभी स्थानों और व्यक्तियों का पूरा विवरण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संग्रहालय हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें सागर जिले के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को शामिल किया जाए, जैसे रहली का सूर्य मंदिर, ऐरन के ऐतिहासिक स्थल आदि । इसके अलावा उन्होंने संग्रहालय के अधिकारियों से कहा कि शहर के अनेक लोगों के पास बहुत सी प्राचीन चीजे उपलब्ध है, जैसे प्राचीन काल के सिक्के,बर्तन,अवशेष या अन्य चीजे जो लोगों के पास उपलब्ध है उनसे आग्रह करके संग्रहालय को उपलब्ध कराएंगे।उन्होंने यहां पर छोटी सी पत्थर की नाव को देखा जो पानी में डूबती नहीं है। निरीक्षण के दौरान पीएमसी आरके शुक्ला, संग्रहालय के अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
क्रमांक 364/2034/मनोज नेमा /फोटो संलग्न है।