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कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट की वजह से शहर की स्वच्छता में उत्पन्न होने वाले व्यवधान को समाप्त व पल्यूशन को कंट्रोल किया जा सकेगा – निगमायुक्त श्री चंद्र शेखर शुक्ला

स्मार्ट सिटी द्वारा लगभग 2 एकड़ भूखण्ड पर सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट के लिए तैयार किया जा रहा 50 टन प्रतिदिन क्षमता वाला सर्वसुविधायुक्त प्लांट

सागर, /निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ स्मार्ट सिटी श्री चंद्र शेखर शुक्ला के निर्देशानुसार सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कंस्ट्रक्शन की वजह से शहर की स्वच्छता में उत्पन्न होने वाले व्यवधान को समाप्त करने व पॉल्यूशन को कंट्रोल करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। सिरोंजा के पास लगभग 2 एकड़ भूखण्ड पर कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट के मैनेजमेंट के लिए 50 टन प्रतिदिन क्षमता वाला सर्वसुविधायुक्त प्लांट तैयार किया जा रहा है। चारों ओर से तार फैंसिंग से सुरक्षित परिसर में अत्याधुनिक सी एंड डी वेस्ट मशीन सहित एक ऑफिस ब्लॉक, गार्डरूम एवं इलेक्ट्रिक पैनलरूम बन कर तैयार है। इलेक्ट्रिकल व शेष अन्य कार्य प्रगति पर है। योजना के मुताबिक, इस प्लांट के संचालित होने के बाद बिल्डिंग आदि अन्य कंस्ट्रक्शन होने या रिनोवेशन के दौरान किसी तरह के डेमोलिशन के बाद मलबा सड़क पर नहीं रखा जाएगा। इसके लिए सी एंड डी वेस्ट प्लांट से संपर्क हेतु नंबर जारी किए जाएंगे, जिन पर कॉल करके नागरिक अपना कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट तत्काल प्लांट की कलेक्शन गाड़ियों की मदद से इस प्लांट तक पहुचा सकेंगे। इससे कंस्ट्रक्शन के दौरान निकलने वाला पूरा मलबा सीधा प्लांट पहुचकर पुर्नउपयोग हेतु पूर्ण वैज्ञानिक पद्धिति से रिसाइकिल किया जा सकेगा। इस प्लांट के संचालन से शहर में सड़कों पर या गलियों में जहां-तहां कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट के लगने वाले ढेरों और कई दिनों तक बने रहने के बाद इन ढेरों से ड्रेनेज, मेनहोल्स, नाले-नालियों में पहुँचे सॉलिड वेस्ट से जाम होने की दिक्कत से छुटकारा मिलेगा और इनकी वजह से एकत्र होने वाले कचरे से भी शहर मुक्त होकर स्वच्छ सर्वेक्षण में श्रेष्ठ प्रर्दशन करते हुए स्वछता में अव्वल बनेगा। शहर की सड़कों पर यातायात भी सुगम होगा।

’प्लांट इस प्रकार करेगा कार्य’

सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट नियम-2016 को ध्यान में रखते हुए नगर निगम सीमा में किसी भी प्रकार का कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट कलेक्शन वाहनों की सहायता से इस प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। प्लांट पर लगाई गई 6 कन्वेयर बेल्ट वाली सी एंड डी वेस्ट मशीन के हॉपर में रेंप की मदद से यह वेस्ट डाला जाएगा। हॉपर पर लगे छन्नों की मदद से इस वेस्ट में मिले लकड़ी आदि अनुपयोगी वस्तुओं को कन्वेयर बेल्ट से अलग किया जाएगा और 40 एमएम से अधिक आकार का वेस्ट आगे कन्वेयर बेल्ट से होते हुए क्रेशर में पहुंच कर प्रोसेस होगा, जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में 20एमएम और 10 एमएम के टुकड़े और डस्ट आदि प्राप्त होंगे। पूर्ण वैज्ञानिक पद्धति से की गई सी एंड डी वेस्ट प्रोसेस से गिट्टी व रेत आदि को अलग-अलग किया जा सकेगा, जिसका पुर्नउपयोग निर्माण कार्यों में किया जा सकेगा। इसके साथ ही यहां पेबर निर्माण प्लांट भी लगाया जाना प्रस्तावित है। सी एंड डी वेस्ट प्लांट से प्रोसेस के बाद पुर्नउत्पादित मटेरियल से पेबर आदि का निर्माण कर पुर्नउपयोग में लाया जाऐगा। मलबा उठाना, उसे ढोना, फिर से इस्तेमाल के लिए प्रॉसेस करना और अनुपयोगी बचे वेस्ट को लैंडफिल साइट्स तक पहुंचाने का काम अनुबंधित एजेंसी करेगी।

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