सागर,/कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि गेहूं फसल की कटाई के उपरांत खेत खाली है और यही समय है जब खेत से मिट्टी का नमूना एकत्रित कर परीक्षण कराने से मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों की स्थिति एवं मात्रा का पता चल जाता है। इससे आगामी खरीफ मौसम में बोई जाने वाली फसल के लिये आवश्यक पौषक तत्वों की मात्रा निर्धारित की जा सकती है। कृषि विभाग ने बताया कि बगैर मिट्टी परीक्षण कराये अनुमान से ही पोषक तत्वों (उर्वरक) की पूर्ति करते हैं, जो कि वास्तविक आवश्यकता से कम या अधिक हो सकती है। जो कि उचित नहीं है।
किसानों से कृषि विभाग द्वारा अपील की है कि वे अपने खेत की मिट्टी का नमूना लेकर प्रत्येक विकासखण्ड में स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में परीक्षण अवश्य कराएं कराए। निःशुल्क परीक्षण की सुविधा का लाभ लेकर परीक्षण उपरांत प्रयोगशाला द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड जरूर प्राप्त करें। जिसमें उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा दर्शायी जाती है। साथ ही आगामी फसल के लिए आवश्यक पौषक तत्वों की अनुशंसा भी की जाती है। किसान भाई जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा विकासखण्ड में स्थित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।