सागर,/18 व्यक्तियों के परिवार की आजीविका को चलाने के लिए बालकिशन को अपनी ढाई एकड़ की जमीन में ही अतिरिक्त साधनों की आवश्यकता थी। उन्होंने ग्राम पंचायत पजनारी के सरपंच से बात की तो सरपंच ने उसे रोज़गार गारंटी योजना से प्लाटेंशन कराने की सलाह दी। बालकिशन ने सलाह मानी और ज़मीन की मेडो पर चारों तरफ़ फलदार पेड लगा दिए। इसके लिए उसका फलौधान कार्य हेतु 1.15 लाख की स्वीकृति जनपद पंचायत बडा ने किया। वर्ष 2020-21 में मनरेगा पोर्टल पर वर्क कोड आईएफ/ 22012034582250 जनरेट दिया गया । मज़दूरी मे 0.91 लाख और सामग्री मे 0.24 लाख, कुल- 1.15 लाख रुपये का यह कार्य 100 फलदार पेड़ लगाने के लिए स्वीकृत किया गया।
बालकिशन ने उत्साहित होकर बडे मन से प्लाटेंशन किया। अमरूद, नींबू, कटहल, आँवला, जामुन, आम और करौदा के 100 पेड अपने खेत की मेड़ो पर क़तार से निश्चित दूरी पर रोप दिए। लगभग दो साल का समय ही अभी बीता है और उन पेड़ों पर फल आने लगे है। जनपद सीईओ प्रतिष्ठा जैन और मनरेगा एपीओ ने विगत दिनों कार्य का भौतिक अवलोकन किया तो पाया कि लगभग 80 से अधिक पेड़ न सिर्फ़ जीवित है बल्कि बहुत अच्छी सिथति में है। नीबू में फल लगने लगे है और बाकी पेड़ भी फलने- फूलने की स्थिति में है।
मनरेगा नियमो के अनुसार कार्य में अब तक 67668 रुपये की मज़दूरी राशि व 3324 रुपये सामग्री राशि, कुल 70992 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बाकी भुगतान भी तय नियमों के अनुसार किया जा रहा है।
बालकिशन कहते है कि उनका अनुमान है कि साल- दो साल में 40 से 50 हज़ार रुपये की अतिरिक्त आय उन्हें इन पेड़ों के फलों को बेचकर होने लगेगी। प्रकृति के प्रकोप से बालकिशन भी डरते है और बचाव का हर उपाय कर रहे है। पेड़ो से उन्हें प्यार है, इक्का दुक्का पेड़ वैसे भी लाकर लगाते रहते है। बालकिशन जैसे ग्रामीण लोग ही मनरेगा को सफलता की नई उंचाईयों पर पहुंचा रहे है।