भोपालसागर

सफलता की कहानी 17 दिन की जद्दोजहद के बाद प्रि-मैच्योर बच्चे ने कोरोना से जंग जीती

सागर/सागर जिला अस्पताल में १४ अप्रैल को जन्में आठ माह के पंद्रह सौ ग्राम के नवजात शिशु को साँस लेने की तक़लीफ के कारण  एसएनसीयू  भर्ती कराया गया था। बच्चे को छाती में  गंभीर निमोनिया पाया गया। सभी तरह की दवाइयों के उपयोग के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे में डॉ. प्रिंस अग्रवाल एवं उनकी टीम द्वारा बच्चे में  N-MISC  नाम की बीमारी को सस्पेक्ट किया गया।
यह बीमारी करोना वायरस से होती है। टेस्ट से जब इस बीमारी की पुष्टि हो गई तो बच्चे को उचित दवाईयां शुरू की गई। 3-4 दिन में बच्चे की हालत में सुधार आ गया और लगभग 17 दिन के बाद बच्चे को माँ के पास दे दिया गया।
N-MISC   क्या होता है ’
अक्सर  covid      ग्रसित गर्भवती महिलाओं के बच्चे को कोविड  से सुरक्षा मिलती है परंतु कुछ बच्चों में माँ से मिलने वाली कोविड एंटीबॉडी  बच्चे में घातक रिएक्शन करती है। बच्चे के विभिन्न अंग जैसे  फेफड़े, दिल दिमाग़ को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। अगर इस बीमारी को समय रहते नहीं पकड़ा गया तो यह नवजात के लिए घातक साबित हो सकती है एवं बच्चे की मृत्यु भी संभव है।

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