मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना सीखो कमाओ योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी

सागर,/कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में सीखो कमाओ योजना प्रारंभ की गई है। राज्य शासन द्वारा भी “मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना“ स्वीकृत की गई है। योजना से व्यापक स्तर पर औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में छात्र- प्रशिक्षणार्थी के रूप में On.the.Job Training ¼OJT½ की सुविधा दी जाएगी। योजना से औदयोगिक एव व्यवसायिक प्रतिष्ठान युवाओं को प्रशिक्षित करने तथा युवा ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिसके फलस्वरूप युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। योजना अंतर्गत, कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से राशि रुपये एक हजार करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है।
कलेक्टर श्री आर्य ने बताया कि इस योजना अंतर्गत 18 से 29 वर्ष के युवा पात्र होंगे, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी है तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है। प्रशिक्षण के दौरान छात्र प्रशिक्षणार्थियों का 8000 से 10000 रुपये प्रतिमाह स्टाइफण्ड प्राप्त होगा; स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा Direct Benefit Transfer ¼DBT½ के माध्यम से छात्र-प्रशिक्षणार्थी के खाते में भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड ¼MPSSDEGB½ }kjk State Council for Vocational Training ¼SCVT½ का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के व्यापक प्रचार प्रसार एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। जिसमें जिले के औद्योगिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को योजना अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण देना होगा। इसका 75 प्रतिशत व्यय शासन द्वारा वहन किया जाएगा। प्रतिष्ठानों के टर्न ओवर की जानकारी के आधार पर जिले के बड़े प्रतिष्ठानों को चिन्हांकित किया गया है, जिसकी सूची जिलों को पृथक से भेजी जा रही है। जिले के प्रतिष्ठानों को योजना अंतर्गत पोर्टल पर दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये गये है। प्रतिष्ठानों को चिन्हांकन के दौरान उन प्रतिष्ठानों को प्राथमिकता दी जाए जो युवाओं को उपयोगी प्रशिक्षण दे सके ।
जिले के युवाओं को योजना अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा गया है। राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में On.the.Job. Training की सुविधा देने हेतु ’मुख्यमंत्री सीखो – कमाओ योजना“ निम्नानुसार लागू की जाती हैः-
योजना के लिए पात्र युवा
ऐसे युवा जिनकी आयु 18 से 29 वर्ष तक हो, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हों, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं/ आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च होना चाहिए। योजना के तहत चयनित युवा को “छात्र प्रशिक्षणार्थी“ कहा जाएगा। छात्र प्रशिक्षणार्थी को
निम्नानुसार लाभ प्राप्त होंगेः-
उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण
नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण
व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड
मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा State Council for Vocational Training का प्रमाणन तथा
नियमित रोजगार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।
योजना के तहत पात्र प्रतिष्ठानः-
देश/ प्रदेश के ऐसे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जिनके पास PAN vkSj GST पंजीयन है। यह योजना समस्त श्रेणी के निजी संस्थानों पर लागू होगी, यथा- प्रोपराइटरशिप, एचयूएफ, कंपनी, पार्टनरशिप, ट्रस्ट, समिति, आदि।
योजना के तहत प्रतिष्ठान को प्राप्त होने वाले लाभ सुविधाएं
पंजीकृत प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल, जिसमें नियमित व संविदात्मक कर्मचारी शामिल होंगे, के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को
प्रशिक्षण दे सकते हैं। योजना के क्रियान्वयन में ऐसे प्रतिष्ठानों को प्राथमिकता दी जा सकेगी, जो म्च्थ् की जानकारी प्रस्तुत करेंगे। ऐसे प्रतिष्ठानों के कार्यबल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जाएगी। इस संख्या में नियमित एवं संविदात्मक दोनों प्रकार के कर्मचारी शामिल होंगे। ऐसे प्रतिष्ठान जिनके द्वारा ईपीएफ की जानकारी प्रस्तुत नहीं की जाएगी,उनमें कुल कार्यबल की गणना स्वघोषणा के आधार पर की जाएगी, परंतु ऐसी स्वघोषित संख्या 19 या उससे कम ही मान्य की जाएगी। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेण्ड की 25 प्रतिशत राशि छात्र-प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करनी होगी। प्रतिष्ठान उसके लिये निर्धारित राशि से अधिक राशि देने के लिए स्वतंत्र होगा। प्रतिष्ठान द्वारा राशि जमा करने के बाद निर्धारित स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से छात्र प्रशिक्षणार्थी को भुगतान किया जाएगा।
योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण की निर्धारित अवधि तक स्टाइपेण्ड दिया जावेगा। यदि कोई छात्र प्रशिक्षणार्थी बीच मे प्रशिक्षण छोड़ देता है तो उसकी सूचना प्रतिष्ठान को देनी होगी।
प्रशिक्षण :- योजना के अंतर्गत चयनित युवा को मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड ¼MPSSDEGB½ }kjk SCVT निर्धारित कोर्स अंतर्गत छात्र- प्रशिक्षणार्थी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। कोर्स की सूची योजना के पोर्टल व o https://ssdm.mp.gov.in@ पर उपलब्ध होगी इसमें समय-समय पर MPSSDEGB द्वारा यथा आवश्यक परिवर्तन किए जा सकेंगे। प्रत्येक कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और अवधि निर्धारित होगी।
स्टाइपेण्ड :- प्रत्येक कोर्स के लिए देय स्टाइपेण्ड का निर्धारण प्रावधानित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर निम्नानुसार किया जाएगाः-
कोर्स के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता
छात्र- प्रशिक्षणार्थी को भुगतान की जाने वाली स्टाइपेण्ड की कुल प्रतिमाह राशि (रु. में)
12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण को 8000,
आईटीआई उत्तीर्ण को 8500
डिप्लोमा बालो को 9000,
स्नातक उत्तीर्ण या उच्च वालो को 10000 रुपए स्टाइण्ड कोर्स के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता के आधार पर निर्धारित किया गया है।
योजना का क्रियान्वयनः-
योजना का क्रियान्वयन पोर्टल के माध्यम से होगा। प्रत्येक युवा द्वारा पोर्टल पर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरा जाएगा। आवेदक का चिन्हांकन समग्र आई.डी. के आधार पर किया जायेगा, तथा उसका ईकेवायसी किया जाएगा। प्रतिष्ठान द्वारा ईपीएफ जानकारी दिए जाने की स्थिति में, भारत सरकार के एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (म्च्थ्व्) से ऑनलाइन जानकारी प्राप्त की जाएगी और इसी के आधार पर प्रतिष्ठान के निर्धारण किया जाएगा।
प्रतिष्ठान द्वारा उपलब्ध कोर्स में से पोर्टल पर प्रशिक्षण हेतु वैकेंसी प्रकाशित की जाएंगी, जो उनके लिए निर्धारित प्रशिक्षण सीमा के अधीन होगी। आवेदक योजना अंतर्गत पोर्टल पर उस कोर्स का चयन करेंगे जिसके लिए वह निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता रखते हो और प्रशिक्षण प्राप्त करने मैं रुचि रखते हैं। प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित वैकेंसी के विरुद्ध पात्र आवेदकों को ऑनलाइन / दूरभाष/अन्यथा साक्षात्कार लिया जा कर उन्हें छात्र प्रशिक्षणार्थी के रूप में चयनित किया जाएगा। चयन के उपरांत प्रतिष्ठान, छात्र-प्रशिक्षणार्थी एवं राज्य शासन के अधिकृत प्रतिनिधि के मध्य एक ऑनलाइन अनुबंध निष्पादित किया जाएगा।
प्रशिक्षण की अवधि में छात्र प्रशिक्षणार्थी की उपस्थिति दर्ज किये जाने के संबंध में पृथक से विस्तृत निर्देश जारी किये जायेंगे। यह आवश्यक नहीं है कि प्रशिक्षण प्रत्येक माह की प्रथम तिथि से आरम्भ हो। अगर प्रशिक्षण माह के बीच में शुरू होगा तो एक माह की अवधि की गणना तदनुसार की जायेगी। उदाहरणार्थ अगर प्रशिक्षण 16 जुलाई 2023 को आरम्भ हो तो प्रथम माह 15 अगस्त को समाप्त माना जावेगा। ऐसे प्रकरणों में स्टायफंड का भुगतान प्रतिष्ठान द्वारा 15 अगस्त के तत्काल बाद जमा करना अपेक्षित होगा ताकि राज्यांश का भुगतान संबंधित प्रशिक्षणार्थी को समय पर दिया जा सके।
माह में 25 दिन की उपस्थिति होने पर प्रशिक्षणार्थी को पूर्ण स्टायफंड दिया जायेगा। अगर वह 12 दिन से कम उपस्थित रहेगा तब उसे उस माह के लिए स्टायफंड की पात्रता नहीं होगी। 12 दिन से अधिक तथा 25 दिन से कम अवधि की उपस्थिति पर उन्हें अनुपातिक रूप से स्टायफंड दिया जाएगा। उदाहरणतः 20 दिन की उपस्थिति पर छात्र- प्रशिक्षणार्थी को 8000 रुपये के स्थान पर कुल 6400 रुपये की पात्रता होगी। ऐसे प्रकरण में प्रतिष्ठान द्वारा 25 प्रतिशत अर्थात् 1600 रुपये तथा राज्यांश 4800 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
प्रत्येक माह प्रतिष्ठान द्वारा छात्र- प्रशिक्षणार्थी को दिए गए स्टाइपेण्ड में से अपना हिस्सा छात्र- प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा किया जाएगा, जो कि उस कोर्स के लिए निर्धारित स्टाइपेण्ड का कम से कम 25 प्रतिशत होगा। राज्य शासन द्वारा योजना अंतर्गत निर्धारित स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत छात्र प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में e-KYC mijkar DBT द्वारा जमा किया जाएगा। छात्र- प्रशिक्षणार्थी एवं प्रतिष्ठान के बीच स्टाइपेण्ड के संबंध में उत्पन्न किसी भी विषय के निवारण की प्रक्रिया के निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे। स्वीकृत बजट के अंतर्गत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण, सेमिनार एवं वर्कशॉप, कंसल्टेंसी सेवाएं, आवश्यक सामग्री क्रय व प्रचार-प्रसार पर व्यय के लिए प्रशासकीय विभाग सक्षम होगा।