सागर / प्रकृति , ईश्वर, माता-पिता के बाद समाज को सुसंस्कृत करने का कार्य एक शिक्षक द्वारा किया जाता है शिक्षक अकेला ही पूरे देश व समाज के निर्माण की क्षमता रखता है इसीलिए शिक्षक को राष्ट्र निर्माता भी कहा गया है। ऐसा ही कार्य सागर संभाग के तहसील रहली में जन्मी श्रीमती शालिनी जैन द्वारा किया गया। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी श्रीमती शालिनी परिवार में सबसे बड़ी थी। उन्हें संस्कार अपने परिवार में माता से मिले जिसे उन्होंने आगे बढ़ाया।
ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय सागर में माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत शिक्षिका श्रीमती शालिनी जैन द्वारा विगत 16 वर्षों से निरंतर शासकीय सेवा के अतिरिक्त सामाजिक कार्यों को किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि उन्हें राज्य शासन द्वारा शिक्षकों के सर्वाेच्च पुरस्कार राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस पर महामहिम राज्यपाल द्वारा प्रदाय किया जाता है। शिक्षिका द्वारा किए गए कार्यों ने शिक्षा के क्षेत्र एवं समाज में अमूल योगदान दिया है। विद्यालय परिवार द्वारा उन्हें समय-समय पर जो भी जिम्मेदारी दी गई इसका बखूबी निर्वहन शत प्रतिशत किया गया। उसी का परिणाम है कि उनके द्वारा नवाचार द्वारा अध्यापन कराए गए विषय में सभी छात्र बोर्ड परीक्षा में विगत 10 वर्षों से निरंतर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण रहे। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में नामांकन के लिए भी विशेष प्रयास किए गए। प्रवेश परीक्षा की जानकारी उसकी तैयारी एवं फॉर्म भरने में छात्रों की सहायता की गई। कई जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय कार्यक्रम जैसे अनुगूंज , स्वच्छता सप्ताह, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, परेड संचालन, जंबूरी आदि कार्यक्रमों का संचालन एवं सक्रिय सहभागिता की।
विद्यालय की गाइड यूनिट से इनके मार्गदर्शन में 25 गाइड्स को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, कुछ गाइड्स को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया भारत स्काउट गाइड में इनका योगदान उल्लेखनीय रहा ।जंबूरी में इनके द्वारा मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया गया। मैसेंजर ऑफ पीस स्टार अवॉर्ड 2021 भुवनेश्वर उड़ीसा में दिया गया। भारत स्काउट गाइड में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा 2022 में हरियाणा के गदपुरी में सम्मानित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके रिसर्च पेपर यूजीसी जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके इन्हीं कार्यों को देखते जिला स्तर से होते हुए संभाग से निकल कर राज्य स्तर पर उनका नाम पहुंचा। जिसे राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत कर उनके कार्यों व उनका सम्मान किया गया। पुरस्कार प्राप्त करने में परिवार का योगदान महत्वपूर्ण रहा उनके पति डॉ मनोज जैन जो की एक सामाजिक कार्यकर्ता और जाना पहचाना नाम है द्वारा किए गए कार्यों के लिए प्रेरित व सहयोग दिया गया। विशेष योगदान उनकी पुत्री प्रतिष्ठा का रहा विद्यालय परिवार एवं मित्र जनों का विशेष सहयोग रहा।