सागर

नाबालिग से छेडछाड़ करने वाले आरोपी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी धीरज सिंह पारदी थाना-सानौधा को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा-354 भा.द.वि. के तहत 03  वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा-9(एम) सहपठित धारा- 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनाॅक-15.9.2017 को षिकयतकर्ता/पीड़िता के पिता ने पुलिस चैकी शाहपुर थाना-सानोैधा में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनाॅक 14.09.17 को लकड़ी बेचने चला गया था घर पर लड़की /पीड़िता को छोड़ गया था जब जंगल से लौटा तो रात में उसकी लड़की/पीड़िता ने उसे बताया कि जब वह स्कूल जा रही थी तो रास्ते में एक आदमी मिला तो उसे प्रसाद लेने के बहाने बुला लिया और उसे 50 रूपये दिये फिर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा तो वह चिल्लाने लगी तो वह आदमी उसे छोड़कर भाग गया । बाहर एक आदमी मिला था जिन्होंने उसे बचाया था । पीड़िता का पिता लड़की की बात सुनकर उसे मौके पर ले गया तो पीड़िता ने उसे एक अधबने मकान में उसके साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ करना बताया । वहीं पर देवेष सिंह नामक व्यक्ति मिला तो उसने उनसे पूछा तो देवेष सिंह ने पीड़िता को पहचान लिया तब पीड़िता बोली कि पापा इन्होने ही उसे बचाया था। देवेष सिंह ने उसे बताया कि जिस आदमी ने पीड़िता के साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ की थी उसका नाम धीरज सिंह पारदी है व पीड़िता के साथ हुई घटना का हाल भी सुनाया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विचेना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये। घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सानौधा द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अपराध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 354(क) 174(क) व पाॅक्सो एक्ट,2012 की धारा 9(उ)/ 10, के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित कियाहै।

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