भोपालसागर

अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं विकास यात्राएँ : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा

भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास यात्राएँ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं। विकास यात्राएँ लोकार्पण, शिलान्यास के साथ हितग्राहियों को लाभ देने, नए हितग्राहियों को जोड़ने और जो जरूरतमंद हैं, उनकी आवश्यकताएँ पूरी करने का सशक्त माध्यम बनी हैं। लगभग 3 लाख 74 हजार 751 आवेदनों पर स्वीकृति दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों में हो रहे नवाचारों से यात्राएँ उद्देश्यपूर्ण बनी हैं। नवाचारों में अलीराजपुर में मोतियाबिंद के इलाज के लिए वयोवृद्धों की शासकीय सहायता से सर्जरी और आवश्यक उपकरण लगवाने का कार्य शुरू किया गया है। आगर-मालवा में समग्र कार्ड बनाने और घुम्मकड़, अर्द्ध घुम्मकड़ तथा विमुक्त जाति के भाई-बहनों को शासकीय योजनाओं का लाभ देने और मदद उपलब्ध कराने का अभियान जारी है। कटनी में कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनको फूड किट देना, सतना में शहीदों के परिजन और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन एवं वाटर हेल्थकार्ड का वितरण और दतिया में नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए कचरे पर चर्चा अभियान चलाया जा रहा है। इसमें थ्री-आर रिड्यूज-री-यूज और रिसाईकिल गतिविधियों संबंधी चर्चा, समझाइश और प्रशिक्षण देने का काम जारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत के निर्माण का आहवान किया है। इस दिशा में हम निरंतर प्रगति कर रहे हैं। विश्व में भारत ने ऐसा स्थान प्राप्त कर लिया है जहाँ अमरिका से लेकर रूस तक बिना भारत के नहीं चल सकते। आत्म-निर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश प्रतिबद्ध है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। केवल शासकीय प्रयासों से ही यह कार्य पूर्ण नहीं होंगे। प्रदेश के हर नागरिक को भी सहयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की बेटियाँ भी प्रेरणादायी कार्य कर रही हैं। इन्दौर की बेटी पूजा दुबे ने पराली से मशरूम तथा वेस्ट मटेरियल से फ्लावर पॉट, पेकेजिंग मटेरियल सहित अन्य उत्पाद बनाए हैं। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम भी “बेटी” रखा है। उनका यह कदम पर्यावरण-संरक्षण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। बेटी पूजा का स्टॉल, जी-20 समूह की बैठक में भी लगा और देश-विदेश के कई प्रतिनिधियों ने उनके स्टॉल की जानकारी लेकर उनकी पहल की प्रशंसा भी की। बेटी पूजा का यह प्रेरणादायी कार्य सराहनीय है।

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