राजनीतिक

अध्यक्ष नाथ का विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार,पार्टी का ऐसे बयान से खंडन

भोपाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने  अपने निवास पर मीडिया से चर्चा के दौरान बड़ा बयान दिया। नाथ ने कहा कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैं एक सीट पर नहीं फंसना चाहता, मुझे सभी 230 सीटें देखना हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर चल रहे इस बयान का कांग्रेस ने थोड़ी देर बाद ही खंडन जारी कर दिया। पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से कहा गया कि नाथ ने आगामी चुनाव नहीं लड़ने के विषय में कोई घोषणा नहीं की है। सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें पूरी तरह से भ्रामक हैं।

इसके साथ ही नाथ ने पिछले कई दिनों से कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर चल रही बयानबाजी पर कहा कि कांग्रेस में चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। पार्टी में हर काम की प्रक्रिया तय है। मैं लगातार कहता आ रहा हूं कि मुझे पद की लालसा नहीं है। प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित करने में लगा हुआ हूं। नाथ ने चुनावी तैयारियों को लेकर कहा कि जिन सीटों पर कांग्रेस लगातार हारती आ रही है, हमारी प्राथमिकता सबसे पहले वहां प्रत्याशी चयन को लेकर है। ताकि प्रत्याशियों को पर्याप्त समय मिले।

कांग्रेस युवा चेहरों को देगी प्राथमिकता

मीडिया से इसी चर्चा में कमल नाथ ने कहा था कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। पहले ही कह चुका हूं कि मैं किसी पद की दौड़ में नहीं हूं। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मिलकर मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। जिन सीटों पर पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, वहां पहले प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर तैयारी चल रही है। मैं लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहा हूं।

कमल नाथ बोले, निवेश विश्वास से आता है

जब कमल नाथ से भावी मुख्यमंत्री को लेकर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की राय को लेकर प्रश्न हुआ तो उन्होंने कहा कि सब वही बात कह रहे हैं, जो हमारी व्यवस्था में है। जहां तक बात सर्वे की है तो मैं लगातार स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक लेता हूं। नगर निगम के चुनाव में भी ऐसा ही किया था और उसके परिणाम सामने हैं। सरकार द्वारा प्रदेश में पांच फरवरी से प्रारंभ की गई विकास यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि जगह-जगह से विरोध की बात सामने आ रही है। प्रदेश में निवेश को लेकर सरकार के दावे को कागजी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी उद्योगपति आज प्रदेश में उद्योग स्थापित नहीं करना चाहता है। निवेश विश्वास से आता है और आज इसका संकट है।

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