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6 महीन पहले आई थी गड़बड़ी, अब दोबारा सबसे छोटा रॉकेट लॉन्च करेगा ISRO

 हैदराबाद 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 10 फरवरी को स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल (SSLV) लॉन्च करने वाला है। पिछली बार एसएसएलवी लॉन्च के समय गड़बड़ी की वजह से यह मिशन सफल नहीं हो पाया था। इसके साथ ईओएस-02 और AzaadiSAT को रवाना किया जाना था। ये दोनों ही पेलोड गलत ऑर्बिट में पहुंच गए थे। अब एसएसएसवी से ऑब्जरवेशन सैटलाइट EOS-07 को  भेजा जाना है। 

34 मीटर लंबा और 120 टन का वजनी रॉकेट सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से उड़ान भरेगा। इसका टारगेट ईओएस-07, जैनस-1 औऱ आजादीसैट-2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करना है। श्रीहरिकोटा से लॉन्च के 13 मिनट के अंदर ही यह तीनों सैटलाइट को सही जगह पहुंचाएगा। हर सैटलाइट को स्थापित करने के बीच में दो मिनट का गैप होगा। 

EOS-07 का डिजाइन इंडियन साइंटिस्ट्स ऑफ अर्थ ऑब्जर्वेशन ने किया है। इशका वजहन 156 किलो है। इसमें वेव ह्यूमिडिटी साउंडर और स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड लगाए गए हैं। वहीं जैनस-01 एक विदेशी सैटलाइट है जो जिसे अमेरिका की कंपनी ANTARIS ने बनाया है। यह काफी हल्का है। इसका वजन 10 किलो के आसपास बताया जा रहा है। 

बात कें आजादीसैट की तो इसे 750 छात्राओं ने मिलकर तैयार किया है औऱ इसका वजन 9 किलो के लगभग है। चेन्नई के स्पेस किड्ज  इंडिया की देखरेख में इसे तैयार करवाया गया है। इशका उद्देश्य संचार क्षमता को दिखाना है। इसके अलावा अंतरिक्ष में रैडिएशन लेवल नापने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाएगा। बता दें कि भारत में कमर्शल लॉन्च  को लेकर यह बड़ा प्रयोग है। भारत को एसएसएसवी-डी2 से बड़ी उम्मीदें हैं। यह कॉस्ट इफेक्टिव है और छोटे सैटलाइट को ले जाने के लिए बहुत उपयोगी है। एसएसएलवी मिनी, मैक्रो और नैनो सैटलाइट को आसानी से ले जा सकता है। पहले मिशन के 6 महीनेबाद ही इसरो दूसरी बार लॉन्चिंग कर रहा है। 

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